Kavitawali Lachman-Murchha aur ram ka vilap | कवितावली (लक्ष्मण-मूर्छा और राम का विलाप) | NCERT Solution for class 12 hindi
(ख) प्रतिपाद्य एवं सार
प्रतिपाद्य- यह पंती कवि ने 'रामचरितमानस'
के लंकाकांड से लिया है जब मेघनाथ के शक्ति-बाण लगने से जब लक्ष्मण
मूर्च्छित हो जाते हैं। तब भाई राम का शोक
में डूब जाते हें और विलाप करते है, जैसे अपने सगे भाई लक्ष्मण के प्रति राम के अंतरआत्मा के स्नेह कोई कोने दम तोड़ रही हो। यहा भगवान श्री
राम का पूरी तरह से मानवी गुण दर्शाया गया है, जिसमें पाठक को
काव्य का मार्मिक तोड़ से लगाव हो जाता है।ऐसे घोर अन्धकारमई शोकाकुल अवस्था में हनुमान जी का संजीवनी
लेकर आना कवि हनुमान जी का व्यक्तित्व एक धैर्यवान और वीर पुरुष के रूप में दर्शाया है।
सार- युद्धभूमि में लक्ष्मण के वेहोश होने पर
राम तथा सारी सेना शोक में डूब गये । सभी वानर सेना एकजुट होकर लक्ष्मण को होश में
लेन की तरीका खोजने लगे। तब हनुमान जी सुषेण वैद्य के कहे अनुसार हिमालय पर्वत से संजीवनी
बटी लाने के लिए निकल पड़े।इधर राम व्याकुल हो भ्राता लक्ष्मण को अपने ह्रदय से लगाये
पवन पुत्र हनुमान की राह ताकने लगे। धीरे-धीरे आधी रात बीत गई हनुमान जी को ना आते
देख वे और चिंतित हो गए,भाई लक्ष्मण के आगे विलाप करने लगे कि, तुम मुझे कभी निराश
नहीं देख पाते। मेरे वजह से तुम राजमहल
त्याग वनवास स्वीकारा हैं।अब तुम्हारे तरह
प्रेम मुझे कौन करेगा? यदि मुझे पता होता तुम मुझसे बिछड़ जाओगे तो
मैं तुम्हें मेरे साथ कभी नहीं लाता।सब कुछ इस लोक में दोबारा मिल सकता है,
परंतु अपना सगा भाई नहीं।मेरा
जीवन तुम्हारे बिना बिन पंख पक्षी जैसा हु।
में अयोध्या कोण सा मुह ले कर जाऊंगा मैं लोगो को क्या जवाब दूंगा? वे लोग कहेंगे किअपनी स्त्री के लिए प्रिय भाई को खो दिया। तुम्हारी माँता
को क्या कहूँगा? तब अचानक हनुमान संजीवनी बूटी ले आए और वैद्य जल्दी से दवा बनाई और लक्ष्मण को पिलाया फिर
वे होश में आ गये। राम खुश हो के उन्हें गले लगाया। सारी वानर सेना प्रफुलित हो
उठे। दसानन रावन को यह जानकारी मिलते ही क्रोधित
होकर भाई कुंभकरण को जगाया। कुंभकरण नेपुचा मुझे जगाने का क्या कारन हैं,तब रावण ने सीता को चुरा कर लेन से ले कर युद्धभूमि
की सारी ब्रितांत बताई तथा उनकी बड़ा-बड़ा वीर मारा गया यह सब बात कही। कुंभकरण ने रावन को मुर्ख कहते
हुए कहा कि तुमने स्योंम भगवान से दुश्मनी मोल लि अब अपना उद्धार चाहते हो! राम साक्षात बिष्णु
तथा सीता जी जगत जननी माँ जगदंबा हैंके रूप हैं। तेरा कल्याण होगा यह संभव नही।