GAJANAN MADHAV MUKTIBODH JI KA JEEVAN PARICHAY | गजानन माधव मुक्तिबोध जी का जीवन परिचय

GAJANAN MADHAV MUKTIBODH JI KA JEEVAN PARICHAY | गजानन माधव मुक्तिबोध जी का जीवन परिचय

 

गजानन माधव मुक्तिबोध जी का जीवन परिचय | GAJANAN MADHAV MUKTIBODH JI KA JEEVAN PARICHAY

 कवि परिचय

जीवन परिचय –प्रयोगवादी काव्यधारा के प्रतिनिधि कवि गजानन माधव मुक्तिबोध जी का जन्म मध्यप्रदेश के ग्वालियर जिले के श्योपुर नामक स्थान पर 1917 ई . में हुआ था । इनके पिता पुलिस विभाग में होने के कारन इन्हें हरदम स्थांतर होना परता जिस वजह से उनकी पढ़ाई नियमित तोड़ से नही हो पाई।नागपुर विश्वविद्यालय से  हिंदी में एम.ए. करने के बाद राजनाद नामक गाँव में अध्यापन के कार्य में लग गये ।इन्होंने अपनी योग्यता से अध्यापन,लेखन एवं पत्रकारिता सभी क्षेत्रोँ में अपनी प्रतिभा एवं कार्यक्षमता का परिचाय दिया ।‘मुक्तिबोध’ जी को पुरी जीवन संघर्ष करनी पड़ी और यही संघर्ष उन्हें जीवन को नए दृष्टीकोण से देखने को प्रेरित किया ।1964 ई. में यह महान लेखक तथा कवि इस संसार से चल बसे 

काव्यगत विशेषताएँ—प्रयोगवादी काव्यधारा के प्रमुख सूत्रधारों में से एक थे मुक्तिबोध जी ।उनकी प्रतिभा का परिचय अज्ञेय द्वारा संपादित ’तारसप्तक’ से मिलता हैं।उनकी  कविता मराठी संरचना से प्रभावित लंबे वाक्यों ने पाठको के लिए कठिन बनी हें,लेकिन उनमे भावात्मक और विचारात्मक ऊर्जा भरपूर थी जो यह ऊर्जा अनेकोनेक कल्पना-चित्रों और फेंटेसियो का आकार ले लेती हैं।इनकी रचना अलोचात्मक लेखन और साहित्य संबंधी चिंतन में सक्रिय रहे ।वे पत्रकार भी थे और वे राजनैतिक विषयों और अंतरास्ट्रीय तथा देश की आर्थिक समस्याओ पर लगातार वे लिखे हैं।

रचनाएँ—इनकी रचनाएँ निम्नलिखित हैं—

                        1.कविता-संग्रह—चाँदका मुह टेढ़ा हैं,भूरी-भूरी खाक धुल 

                        २.कथा-साहित्य—काठ का सपना,विपात्र,सतह से उठता आदमी ।

                        3.आलोचना—नई कविता का आत्मसंघर्ष,समीक्षा की समस्याएँ,कामायनी एक

                                         पुनर्विचार,एक साहित्यिक की डायरी ।

 भाषा-शैली—मुक्तिबोध जी भावो के अनुरूप शब्द को गढ़ना और उसको साफ भाषा में प्रोयोग करना यह उनकी भाषा-सौन्दर्य की अदभुत् विशेषता हैं।वे तत्सम शब्दों  के साथ-साथ उर्दू,अरबी और फारसी सब्दोंका भी प्रोयोग किया  हैं।