Camere Me Band Apahij | कैमरे में बंद अपाहिज | प्रश्न-अभ्यास | NCERT Solutions for Class 12 Hindi Aroh Chapter 2

Camere Me Band Apahij | कैमरे में बंद अपाहिज | प्रश्न-अभ्यास | NCERT Solutions for Class 12 Hindi Aroh Chapter 2

 Camere Me Band Apahij | कैमरे में बंद अपाहिज | प्रश्न-अभ्यास  | NCERT Solutions for Class 12 Hindi Aroh Chapter 2

पाठ्यपुस्तक से प्रश्न-अभ्यास

 

प्रश्न 1. कविता में कुछ पंक्तियाँ कोष्ठकों में रखी गई हैं-आपकी समझ में इसका क्या औचित्य है?

उत्तर. कवि ने ये कुछ पंक्तियाँ जो कोष्ठकों में रखी हैं वो कवि कोष्ठक के जरिये अपनी मन की भावो को व्यक्त करते हैं। इनमें अलग-अलग लोगों को इस पंक्तियों के माध्यम से संबोधित किया गया है। ये एक तरह से संचालन करने के लिए हैं; जैसे-

कैमरा मैन के लिए-

कैमरा दिखाओ इसे बड़ा-बड़ा 

कैमरा ........... की कीमत है।

दर्शकों के लिए- 

हम खुद इशारे से बताएँगे क्या ऐसा

यह प्रश्न पूछा नहीं जाएगा

अपंग व्यक्ति को-

वह अवसर खो देंगे

बस थोड़ी कसर रह गई। 

ये कोष्ठक कविता के मुख्य उद्देश्य को अभिव्यक्त करने में सहायक होते हैं।

 

प्रश्न 2. कैमरे में बंद अपाहिज करुणा के मुखौटे में छिपी क्रूरता की कविता है-विचार कीजिए।

 उत्तर- यह कविता में अपनेपन की मुखौटे पहने  संचालक के अन्दर  छिपी क्रूरता को व्यक्त करती है। जो सामाजिक उद्देश्यों के नाम पर अपाहिज की पीड़ा को जनता तक पहुचना चाहते है। यह कार्य ऊपर से करुण भाव को दर्शाता है परंतु इसका वास्तविक चित्र कुछ और ही होता है। इस कविता में संचालक अपाहिज की अपंगता बेचना चाहता है। वह एक रोचक कार्यक्रम बनाना चाहता है जिसे देखकर उसका कार्यक्रम जनता में और भी ज्यादा लोकप्रिय हो सके। उन्हें अपनी लोकप्रियता के आगे उस अपंग की पीड़ा से कोई मतलब नहीं है। यह कविता दर्शाती है कि दूरदर्शन पर दिखाए जाने वाले इस प्रकार के अधिकांश कार्यक्रम कारोबारी दबाव के कारण संवेदनशील होने का दिखावा करते हैं । इस तरह की  दिखावटी अपनेपन  मुखौटे में छिपी क्रूरता की सीमा तक पहुँच जाती है। 

प्रश्न 3.  हम समर्थ शक्तिवान और हम एक दुर्बल को लाएँगे पंक्ति के माध्यम से कवि ने क्या व्यंग्य किया 

 है ?

उत्तर- 'हम समर्थ शक्तिमान' इस पंक्ति के माध्यम से मीडिया की ताकत व कार्यक्रम के संचालकों की मानसिकता का पता चलता है। मीडिया कर्मी या मीडिया संचालक अपने कार्यक्रम के प्रचार-प्रसार की ताकत के कारण किसि का भी मजाक बना सकते हैं और किसी को भी नीचे गिरा सकते हैं। चैनल के मुनाफे के लिए संचालक किसी की भी मजबुरियो को बेच सकते हैं। यह कार्यक्रम का निर्माण व प्रस्तुति संचालकों की मर्जी से होता है।

'हम एक दुर्बल को लाएँगे' इस पंक्ति में अति दयनीय भाव को दर्शाया है। मीडिया के सामने आने वाला व्यक्ति बेहद कमजोर होता है | वहा मीडिया के अटपटे प्रश्नों से ठीक व्यक्ति भी विचलित हो जाता है फिर तो अपंग या कमजोर व्यक्ति तो रोने लगते है। यह सब कुछ उसे मज़बूरी में कार्यक्रम के  संचालक की इच्छानुसार करना होता है।

प्रश्न 4. यदि शारीरिक रूप से चुनौती का सामना कर रहे व्यक्ति और दर्शक, दोनों एक साथ रोने लगेंगे, तो उससे प्रश्नकर्ता का कौन-सा उद्देश्य पूरा होगा?

उत्तर- कवि ने इस कविता क माध्यम से यह बताया हें की  कार्यक्रम संचालक व निर्माता का एक ही उद्देश्य होता है-अपने कार्यक्रम को लोकप्रिय बनाना ताकि वह धन व प्रसिद्धि हासिल कर सके। इस उपलब्धि के लिए उसे चाहे कोई भी तरीका क्यों न अपनाना पड़े, वह अपनाता है। कविता के आधार पर यदि शारीरिक रूप से चुनौती का सामना कर रहे व्यक्ति और दर्शक-दोनों एक साथ रोने लगेंगे तो इससे संचालक को दर्शको की सहानुभूति बटोरने  का लक्ष्य पूरा हो जाता है और समाज उसे अपना हितैषी समझने लगता है तथा इससे उसे धन व यश मिलता है।

प्रश्न 5. परदे पर वक्त की कीमत है कहकर कवि ने पूरे साक्षात्कार के प्रति अपना नजरिया किस रूप में रखा है?

उत्तर- इस पंक्ति के माध्यम से कवि ने पूरे साक्षात्कार के प्रति व्यावसायिक नजरिया प्रस्तुत किया है। परदे पर जो भी कार्यक्रम दिखाया जाता है, उसकी कीमत समय के अनुसार होती है। दूरदर्शन व कार्यक्रम संचालक के नजर में  जनता के हित या पीड़ा की  कोई कदर नहीं होता। वे कम-से-कम समय के अंदरअपने कार्यक्रम को लोकप्रिय करना चाहते हैं और अपंग की पीड़ा को कम करने के बजाए अधिक करके दिखाते  है ताकि उनकी दयनीय हालत  को नकदी' में बदला जा सके। संचालकों की जो सहानुभूति होती हें वो भी बनावटी होती है।