पर्यायवाची शब्द हिंदी | Paryayvachi Shabd in Hindi

पर्यायवाची शब्द हिंदी | Paryayvachi Shabd in Hindi


 

पर्यायवाची शब्द हिंदी | Paryayvachi Shabd in Hindi

          एक जैसे अर्थ रखने वाले शब्द समानार्थी अथवा पर्यायवाची शब्द कहलाते हैं। जैसे-कमल के लिए- जलज्, पद्म, अरविन्द, पंकज आदि कई शब्दों का प्रयोग होता है। किंतु इनका प्रयोग करते समय एक बात का ध्यान रखना चाहिए कि कभी-कभी विशेष शब्द का किसी स्थान पर प्रयोग करने से जो विशेषता आ जाती है, वह उसी अर्थ वाले अन्य शब्द के रखने से नहीं आती। जैसे-'चरण-कमल' के स्थान पर यदि ‘चरण जलज' कहा जाय अथवा ‘चरण पंकज' कहा जाय तो शब्द की सुंदरता नष्ट हो जायेगी।

Paryayvachi Shabd in Hindi


 

पर्यायवाची शब्द

अ-

अग्नि    -         अनल, पावक, आग, वह्नि, हुताशन, दहन।

अध्यापक-      शिक्षक, उपाध्याय, गुरु, आदेष्टा, उपदेष्टा, पाठक।

अन्न     -         अनाज, धन्य, नाज, शस्य, गल्ला, दाना।

अमृत   -         सुधा, अमी, अमीय, मधु, सोम, सुरभोग।

अश्व     -         वाजि, हय, तुरंग, घोड़ा, घोटक, हरी।

अंक    -            संख्या, गिनती, क्रमांक, निशान, चिन्ह, छाप

अंकुर    -            कोंपल, अंख़ुवा, कल्ला, नवोदभिद्, कलिका, गाभ

अंचल    -            पल्लू, छोर, क्षेत्र, अंत, प्रदेश, आँचल, किनारा

अतिथि    -        मेहमान, पहुना, अभ्यागत, रिश्तेदार, नातेदार, आगंतुक

अज    -            ब्रह्मा, ईश्वर, दशरथ के जनक, बकरा

अरण्य    -        जंगल, कान्तार, विपिन, वन, कानन

आ-

आकाश-        खग, व्योम, अम्बर, नभ, गगन, अभ्र।

आँख   -         चक्षु, नयन, नेत्र, अक्ष, लोचन।

आम    -         रसाल, अमृतफल, वसंतद्रु, प्रियम्बु, आम्र, माकंद।

आधुनिक    -    अर्वाचीन, नूतन, नव्य, वर्तमान कालीन, नवीन

आँसू    -        अश्रु, नेत्रनीर, नयनजल, नेत्रवारि, नयननीर

आडम्बर     -       पाखण्ड, ढकोसला, ढोंग, प्रपंच, दिखावा

इ-

इंद्र      -         शक्र, पुरंदर, सुरपति, देवराज, शचीपति, वासव।

ई-

ईश्वर    -         परमात्मा, परमेश्वर, ब्रह्म, ईश, अनादि, अनन्त, भगवान।

उ-

उपवन -         उद्यान, बाग, बगीचा, वाटिका, आराम, फुलवारी।

क-

कमल  -         पद्म, पंकज, जलज, सरोज, अरविंद, राजीव।

ग-

गंगा    -         भागीरथी, सुरसरि, जह्नवी, नदीश्वरी, मंदाकिनी, सुरापगा।

गणेश  -         गणपति, गजवदन, लम्बोदर, गजानन, भवानीनन्दन, एकदंत ।

गाय     -         गौ, धेनु, रोहिणी, गोरु, अर्जुन, माहेयी।

घ-

घर      -         गेह, गृह , भवन, सदन, निवास, आवास।

च-

चन्द्रमा -         चन्द्र, सोम, इन्दु, शशि, विधु, सुधांसु, राकापति, राकेशनिशापति, सुधाकर, निशाकर,                                           चाँद, चंदा।

ज-

जल     -         पानी, नीर, अम्बु, तोय, वारि, आप, सलिल। 

जिह्वा   -         जीभ, रसना, रसज्ञा, गिरा, वापी, वाचा।

त-

तालाब -         सर, सरोवर, ताल, पोखर, जलाशय, तडाग।

द-

दूध      -         दुग्ध, क्षीर, पय, पीयूष, दोहज, अमृत। 

देवता   -         देव, सुर, निर्जन, विवुध, सुमना, अमर । 

दिन     -         दिवस, वार, वासर, अंह्न, घस्त्र।

न-

नूतन   -         नवीन, नया, नव, अभिनय, नव्य। 

नदी     -         सरिता, सरि, तरंगिणी, धारावती, निर्झरिणी।

प-

पक्षी    -         खग, विहंग, विहंगम, शकुन, द्विज, चिड़िया, पंछी। 

पर्वत    -         शैल, गिरि, नग, अचल, महीधर, भूभृत, अद्रि। 

पत्थर   -         पाषाण, उपल, पाहन, प्रस्तर।

पिता    -         तात, जनक, बाप, बापू, जन्मदाता, गुरु। 

पुत्र      -         सुत, तनय, बेटा, पूत, नन्द, आत्मज, तनुज। 

पुत्री     -         कन्या, दुहिता, आत्मजा, सुता, तनया, तनुजा।

पृथ्वी   -         भू, मेदिनी, वसुन्धरा, धरा, धरती, मही, वसुधा।

पैर      -         चरण, पाद, पद, टाँग, अंध्रि। 

प्रातःकाल-      प्रातः, सुबह, सबेरा, प्रभात, विहान, प्रत्युष, भोर, अरुणोदय।

फ-

फूल    -         पुष्प, सुमन, कुसुम, प्रसून, पुहुप, मंजरी, सारंग।

ब-

ब्रह्मा    -         स्वभू, स्वयंभू, विधाता, विधना, स्रष्टा, चतुरानन, धातासृष्टिकर्ता।

ब्राह्मण -         द्विज, विप्र, नय, शर्म, पण्डित, मैत्र, भूदेव, द्विजन्मा।

म-

मनुष्य  -         नर, पुरुष, मानव, मनुज, मर्त्य।

माता    -         अम्मा, अम्बा, जननी, प्रसू, माई, मा, अम्बिका। 

मुनि    -         तपी, साधु, साधक, ऋषि, योगी, व्रती।

मेघ     -         घन, बादल, दीरद, जलद, पयोद, बलाइक, जलमुच।

र-

राक्षस  -         असुर, दनुज, दैत्य, दानव, दैतेय, दितिसुत, निशासुतनिशाचर।

राजा    -         नृप, भू, भूपति, महीप, नरेश, महीपति, नरपति।

रात्रि    -         निशा, शर्वरी, राका, यामिनी, रजनी, रात, रैन।

ल-

लक्ष्मी   -         कमला, श्री, रमा, पद्मा, पद्मासना, इन्दिरा, हरिप्रियाविष्णुप्रिया।

व-

विष्णु   -         नारायण, माधव, जनार्दन, हरि, श्रीपति, चतुर्भुज, अच्युतरमापति, कमलापति।

वन      -         अरण्य, विपिन, कानन, जंगल, अटवी, कांतार।

वायु     -         अरि, रिपु, दुश्मन, वैरी, विपक्षी, प्रतिपक्षी।

श-

शत्रु     -         अरि, रिपु, दुश्मन, वैरी, विपक्षी, प्रतिपक्षी।

शरीर   -         तन, तनु, कलेवर, काय, काया, देह, अंग।

शिव    -         शंभू , पशुपति, महादेव, शंकर, पिनाकी, उमापति, गगाधरभूतनाथ।

स-

समुद्र   -         सागर सिंधु, जलधि, उदधि, रत्नाकर, पयोधि। 

सर्प     -         भुजग, भुजंग, नारु, व्याल, उरग, पन्नग।

सरस्वती-       भारती, ब्राह्मी, गिरा, वाणी, शारदा, वागीश, वीणापाणिवाक्येश्वरी, वागेश्वरी। 

सिंह    -         हरि, केशरी, मृगेन्द्र, शेर, बबर, केशरी।

सिर     -         शिर, शीश, शीर्ष, मस्तक, खोपड़ी, मुण्ड।

सूर्य     -         रवि, दिनकर, अंशुमाली, अर्क, मातण्ड, सविता।

स्वर्ण    -         सोना, कनक, सुवर्ण, हेम, कंचन।

स्त्री     -         नारी, तिय, वामा, वनिता, द्वारा, अबला।

ह-

हिरण  -         मृग, कुरंग, सारंग, सुरभी कुरंगम, चारुलोचन।

हाथी    -         गज, हस्ति, करी, कुञ्जर, द्विप, द्विरद, मातंग।

 

(क) जल के पर्यायवाची शब्दों के अंत में द लगाने पर मेघ के पर्यायवाची शब्द बन जायेंगे।

मेघ     -         जलद, वारिद, नीरद, तोयद, अम्बुद। 

इसी प्रकार '' लगाने पर 'कमल' तथा 'धि' के लगाने पर 'सागर' के | पर्याय बन जायेंगे यथा

कमल  -         वारिज, नीरज, अम्बुज, जलज, तोयज।

सागर  -         वारिधि, नीरधि, अम्बुधि, जलधि, पयोधि।

() पर्यायवाची शब्दों के अर्थ में विभिन्नता

पर्यायवाची शब्द एक अर्थ रखते हुए भी प्रयोग की दृष्टि से भिन्न-भिन्न अर्थ रखते हैं। 

दया, कृपा, करुणा-

दया     -         दूसरों का दु:ख दूर करने की स्वाभाविक इच्छा।

कृपा    -         छोटों पर की गयी दया। 

करुणा -         किसी के दुःख से दु:खी होकर की गयी दया, प्रेम, स्नेह।

प्रेम, स्नेह 

प्रेम      -         किसी के साथ स्वाभाविक और पवित्र प्यार।

स्नेह     -         छोटों के प्रति प्यार। 

ईर्ष्या, द्वेष 

ईर्ष्या    -         दूसरों की सफलता देखकर कुढ़ने का भाव। 

द्वेष      -         किसी भी कारणवश किसी से शत्रुता का भाव।

श्रद्धा, भक्ति 

श्रद्धा    -         किसी विशेष गुण के कारण किसी के प्रति आदर का भाव। 

भक्ति  -         पूज्यजनों के प्रति आदर मिश्रित प्रेम का भाव।

पुत्र, बालक 

पुत्र    -    अपनी संतान। 

बालक -         कोई भी बालक।

दुःख, शोक 

दुःख    -         साधारण मानसिक कष्ट। 

शोक   -         हृदय की व्याकुलता।

नमस्ते, नमस्कार, प्रणाम 

नमस्ते  -         प्रत्येक व्यक्ति के लिए नमस्ते का प्रयोग होता है।

नमस्कार-       बराबर वालों के लिए नमस्कार का प्रयोग होता है।

प्रणाम  -         अपने से बड़ों के लिए प्रणाम का प्रयोग होता है।